बापदादा द्वारा दिए गए titles :
“मीठे बच्चे -
- रूहानी मिशन
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- तुम्हें कभी भी विघ्न रूप नहीं बनना है, अन्दर में कोई कमी हो तो उसे निकाल दो, यही समय है सच्चा हीरा बनने का
- अपनी जांच करनी है कि हमारे में कोई अवगुण तो नहीं है? कहाँ तक हमारी याद बाप तक पहुँचती है? हमारा स्वभाव दैवी स्वभाव है? वृत्ति और तरफ भटकती तो नहीं है? उनकी याद में रह रोमांच एकदम खड़े हो जाने चाहिए।
- ऐसा लवली बनना है जो बाप को कशिश होती रहे।
- सबको सुख देना है।
- प्यार से बाप को याद करना है।
- बाप तो समझाते हैं - बच्चे एवर प्योर वैल्युबुल हीरा बनना चाहिए।
- जितना-जितना जो औरों को सुख देते हैं, कोई को दु:ख नहीं देते हैं, वह छिपे नहीं रह सकते हैं।
- बाप की याद ही बहुत सतानी चाहिए। बाबा, बाबा, बाबा, बहुत प्यार से बाप को याद करना होता है।
- तुम हो ईश्वरीय मिशन। तुमको सबका उद्धार करना है।
- बाबा है ही लवली, बच्चों को बहुत कशिश करते हैं। दिन-प्रतिदिन जितना पवित्र बनते जायेंगे, उतना तुमको बहुत कशिश होगी। बाबा में बहुत कशिश होगी। इतना खीचेंगे जो तुम ठहर नहीं सकेंगे।
- बाप को फिर कशिश होती है बच्चों की। इस बच्चे की तो कमाल है।
- बाबा बच्चों को धीरज देते हैं - बच्चे, तुम बाप को याद करते रहो तो यह सब बंधन खत्म हो जायेंगे।
- साकार रूप में साथ का अनुभव करते सच्चे स्नेही बनो।
- सन्तुष्टता सबसे बड़ा गुण है, जो सदा सन्तुष्ट रहते हैं वही प्रभु प्रिय, लोक प्रिय व स्वयं प्रिय बनते हैं।