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Murli Dharna Points to Imbibe from Murli -10th May 2019

“मीठे बच्चे - 
  1.  तुम्हें कर्मातीत बनकर जाना है, इसलिए अन्दर में कोई भी फ्लो नहीं रहना चाहिए, अपनी जांच कर कमियां निकालते जाओ”
  2. इन आंखों से देखने वाली कोई भी चीज़ सामने न आये। देखते भी न देखो। 
  3. देह में रहते देही-अभिमानी रहो। यह अवस्था जमाने में टाइम लगता है। 
  4. बुद्धि में सिवाए बाप और घर के कोई वस्तु याद न आये, इसके लिए अन्तर्मुखी हो अपनी जांच करनी है। 
  5. अपना चार्ट रखना है।
  6. सभी से ममत्व निकाल एक लवली बाप को याद करना है।  वैल्युबुल हीरा बनना है।
  7. जैसे बाप ने हम बच्चों को श्रृगांर किया है, ऐसे सबका श्रृगांर करना है। 
  8. कांटों को फूल बनाने की सेवा में लग जाना है। 
  9. ट्रस्टी होकर रहना है।
  10. जो बच्चे एक बाप के स्नेह में समाये हुए हैं वे सर्व प्राप्तियों में सम्पन्न और सन्तुष्ट रहते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार का सहारा आकर्षित नहीं कर सकता। 
  11. उन्हें सहज ही एक बाप दूसरा न कोई - यह अनुभूति होती है। उनका एक बाप ही संसार है, एक बाप द्वारा ही सर्व संबंधों के रस का अनुभव होता है। 
  12. उनके लिए सर्व प्राप्तियों का आधार एक बाप है न कि वैभव वा साधन इसलिए वे सहज आकर्षण मुक्त हो जाते हैं।
  13. खामियां अवस्था को आगे बढ़ने नहीं देती, इसलिए अब पूरी रीति पुरूषार्थ करना है।
  14. बाप कहते हैं तुम्हारी अवस्था ऐसी पक्की हो, जो शरीर छूटने समय अन्त में कोई भी याद न आये।
  15. एक बाप की याद से ही तुम्हारे पाप कट जायेंगे और पवित्र हीरे बनेंगे।
  16. आत्मा को लवली प्योर बनाने के लिए बाप कहते हैं - बच्चे, जितना मुझे याद करेंगे तुम अथाह लवली बनेंगे।




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