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Mere Nainon Mein Basta Hai Baba Mera - Lyrics

Paigam Baharon ke Milne lage hain
Mile tum jo... Phool khilne lage hain
Mere Nainon mein basta hai Baba mera
Mera Baba mera.. mera Baba mera..
Mere Nainon Mein....
1. Zindagi ab sukhon ki kahani hui
Teri hum pe badi meharbaani hui
Khushiyon ka guldasta hai baba mera
Mere Nainon Mein....
2. Teri Mehfil ruhani Rangat Liye
Teri murli hai pyari jannat liye
Swarg ka raasta hai baba mera
Mere Nainon Mein....
3. Avinaashi hai vo, amar aur azar
Aaj baba hi baba aaye nazar
Rom rom mein hasta hai baba mera
Mere Nainon Mein....
______________________________________________________
पैगाम बहारों की मिलने लगे हैं
मिले तुम जो फूल खिलने लगे हैं
मेरे नैनों में बसता है बाबा मेरा
मेरा बाबा मेरा... मेरा बाबा मेरा
मेरे नैनों में....
1. जिंदगी अब सुखों की कहानी हुई
तेरी हम पर बड़ी मेहरबानी  हुई
खुशियों का गुलदस्ता है बाबा मेरा
मेरे नैनों में....
2. तेरी महफ़िल रूहानी रंगत लिए
तेरी मुरली है डॉयरी जन्नत लिए
स्वर्ग का रास्ता है बाबा मेरा
मेरे नैनों में....
3. अविनाशी है वो अमर और अजर
आज बाबा ही बाबा आये नज़र
रोम रोम में हंसता है बाबा मेरा
मेरे नैनों में....



सुविचार-२५

1. *दिल में "बुराई" रखने से बेहतर है, कि "नाराजगी" जाहिर कर दो*

*जहाँ दूसरों को "समझाना" कठिन हो , वहाँ खुद को समझ लेना ही बेहतर है*

*"खुश" रहने का सीधा सा एक ही "मंत्र" है , कि "उम्मीद" अपने आप से रखो , किसी और से नहीं*.

2. *कोई भी आदत या संस्कार बदलता है ,*
*कभी नहीं कहना "यह मुश्किल" है ,*
*मन और बुद्धि इस बात को सत्य मानकर स्वीकार करते हैं ,*
*और उसे सिद्ध करते हैं !*
*सोच बदले ---  मैंने कोई आदतें बदले हैं ,*
*यह आदत भी ज़रूर बदलेगी,*
*आदत बदले ना सबसे आसान है ,*
*मन स्वीकार  करेगा  और सिद्ध करेगा !!!

3. *उन व्यक्तियों के जीवन में आनंद और शांति कई गुना बढ़ जाती है ,*
*जिसने प्रशंसा और निंदा दोनों में एक जैसा रहना सीख लिया है,*




Urgently Needed - तुरंत आवश्यकता है

*तुरंत आवश्यकता है*

(1) *एक इलेक्ट्रिशियन*: जो ऐसे दो व्यक्तियों के बीच कनेक्शन कर सके जिनकी आपस में बातचीत बन्द है।

(2) *एक ऑप्टिशियन*: जो लोगों की दृष्टि के साथ दृष्टिकोण में भी सुधार कर सके।

(3) *एक चित्रकार*: जो हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान की रेखा खींच सके।

(4) *एक राज मिस्त्री*: जो दो पड़ोसियों के बीच पुल बनाने में सक्षम हो।

(5) *एक माली*: जो अच्छे विचारों का रोपण करना जानता हो।

(6) *एक प्लम्बर*: जो टूटे हुए रिश्तों को जोड़ सके।

(7) *एक वैज्ञानिक*: जो दो व्यक्तियों के बीच ईगो का इलाज खोज सके।

और सबसे महत्वपूर्ण:
(8) *एक👆🏻शिक्षक*: जो एक दूसरे के साथ विचारों का सही आदान प्रदान करना सिखा सके।

*आज इन सभी की🌍समाज को अत्यन्त आवश्यकता है।*. 




सुविचार-२४

🙏 ईश्वर  हमारा  *भाग्य*  नहीं  लिखता.. हम  स्वयं  ही अपने संकल्प, बोल व् कर्म द्वारा अपनी नैया *तारते* अथवा *डुबोते* हैं, इसलिये  ईश्वर  से कृपा  की गुहार करने की जगह हमें अपनी सोच, बोल व् कर्म पर विशेष *ध्यान* रख *स्वयं* अपने आप पर कृपा करनी पड़ेगी।

🙏 अपनापन, परवाह, आदर, और थोड़ा समय

....यही वो दौलत है जो अकसर हमारे अपने हम से चाहते हैं....




सुविचार-23

** जिस  दिन  से  हम, व्यवहारिक तौर  पर  लोगों  के साथ खुद की भी *कमी* या *गलतियाँ* अनुभव करना सीख जायेंगे, उस दिन से हम सिर्फ लोगों को *दोष* देना बंद कर देंगे।

** दिल से ज्यादा उपजाऊ जगह और कोई नहीं हो सकती, निर्भर आप पर करता है
आप प्यार बोते है.....या नफरत !!

** जब आप अपना दिन शुरू करते हैं.. तो अपनी जेब में 3 शब्द रखें..कोशिश,सच , विश्वास...
कोशिश- बेहतर भविष्य के लिए,
सच - अपने काम के साथ,
विश्वास- भगवान में  रखो
तो सफलता आपक कदमों पर होगी!




भूख शांति की या रोटी की??? A curious Question

एक बहुत बड़ा सवाल है कि शान्ति कहाँ है????सरकार आंकड़े निकालती है कि गरीबी रेखा से नीचे के लोग 30% है 40% हैं पर अहम सवाल है कि शान्ति की रेखा से नीचे के लोग कितने हैं????,रोटी के भूखे ज्यादा है या शन्ति के भूखे ज्यादा हैं????हर व्यक्ति को रोटी मिले इसके लिए तो बहुत सी योजनाएं हैं परन्तु हर व्यक्ति को शान्ति मिले ,क्या इसके लिए भी कोई योजना बनी है????

पेट भरने मात्र से शान्ति मिल जाती तो आज भरे पेट वाले चैन की नींद सोते।पर केवल पेट भरना ही जीवन नही है,मन भी शान्ति से भरपूर हो यही सच्चा जीवन है।हम मन्दिर में जा कर भगवान से दो पल की शान्ति मांगते हैं।भगवान कहते हैं जो पहले दी थी वो कहाँ गई????हम कहते है वो तो खो गई।भगवान कहते है जो पहले दी थी वो खो गई  तो क्या गारंटी है कि अब जो दूँगा वह नही खोएगी।

चीज को मांगने से अच्छा है उसे सम्भाल कर रखना
सम्भाल कर नही रखेंगे तो फिर-2 मांगनी पड़ेगी।आत्मा परमधाम से अपने साथ शान्ति ले कर आई थी।जैसे राजा के बच्चे के पास बेशुमार हीरे-जवाहरात होते हैं,ऐसे ही शान्ति के सागर की संतान हम आत्माओं के पास भी बेशुमार शान्ति थी।

शान्ति आत्मा की अपनी चीज है इस सत्य को भूल जाने के कारण आज हम शान्ति को भौतिक साधनों में खोज रहें हैं परन्तु उसके करीब जाने की बजाय और ही दूर होते जा रहे हैं।जब शान्ति नही मिलती तो दूसरों पर ऊँगली उठाते हैं कि यह व्यक्ति,यह परिस्तिथि मेरी अशांति का कारण है।पर असल में तो अशांति का कारण है हमारी
"विस्मृति"

REMEMBER

शान्ति आत्मा की अपनी चीज है इसलिय इसका अनुभव भी स्वयं के भीतर से ही किया जा सकता है।जैसे कस्तूरी मृग की नाभि में होती है पर यदि मृग की ही पहचान ना हो तो कस्तूरी मिलेगी कैसे????इसी प्रकार आत्मा की ही पहचान ना हो तो शान्ति तक पहुँच बनेगी कैसे???




Law of Karma - कर्म का सिद्धांत

हमारे साथ जो कुछ भी होता है वो हमारे किये हुए कर्म अनुसार ही होता है । इसलिए परमात्मा शिव ना तो किसी के गलत कर्म करने पर उसे दुःख देते हैं और ना ही किसी के अच्छा करने पर उसे शाबाशी देते है । परमात्मा सर्वशक्तिमान है आल माइटी अथॉरिटी है। वो चाहे तो क्या नहीं कर सकता। वो सबके कर्मो को देख सकता है लेकिन उसे हमारे कर्मो को देखने की जरूरत ही नहीं है और अगर वो देखता भी है तो साक्षी (detach)रहता है वो न तो अच्छे कर्म करने वालो की वाहवाही करता है और न बुरे कर्म करने वालो की निंदा। वो त्रिकाल दर्शी है...

त्रिकालदर्शी का अर्थ है तीनो कालों को जान्ने वाला । यानि past, present or future को जानते हुए सब कुछ साक्षी (detach observer) हो कर देखने वाला ।और वो केवल परमात्मा ही हैं इसलिए परमात्मा कभी दुखी या खुश नही होते । जबकि हम आत्माए प्राप्ति पर खुश और नुकसान पर दुखी होते रहते हैं और उसके लिए फिर भगवान को blame करते रहते हैं इसलिए कौन अच्छा कर्म करता है कौन बुरा | परमात्मा के उसे देखने से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योकि दुःख और सुख तो हमारे ही कार्मिक account के अनुसार हमे मिलता है । जो हम बोते हैं वही हमे काटना पड़ता हैं।भगवान तो केवल सुखी होने का रास्ता बताते हैं उनकी मत पर जो चलते हैं वो सुखी रहते हैं और जो अपनी मत पर चलते हैं वो गलत कर्म करते रहते हैं और दुखी रहते हैं ।

इसलिए कुछ लोग कहतें है कि जब कोई इंसान दूसरे इंसान का मर्डर कर देता है तो उस समय अगर भगवान है तो उसकी मदद क्यों नही करता।लेकिन क्योकि भगवान उसके पिछले जन्मों के कर्मो को जानता है इसलिए वो साक्षी रहता है क्योकि हो सकता है किसी जन्म में उस आत्मा ने उसके साथ इससे भी बुरा किया हो तो अगर भगवान आज उसकी मदद करेगा तो दूसरे के साथ अन्याय होगा।यही भगवान हमे समझाना चाहते हैं कि हर बात को साक्षी हो कर देखो। इसलिए बजाय ये सोचने के क़ि वो हम सबके हर कर्म को देख रहा है या नहीं देख रहा हमे हमे कर्मो को सुधरने पर बल देना है क्योकि उसके देखने या ना देखने से हम उस कर्म के फल से बच नहीं सकते। दूसरी बात सब कुछ प्रभु की इच्छा से नहीं होता। आप खुद सोचो कि अगर सब कुछ परमात्मा की मर्जी से होता तो जो आज दुनिया की जो हालत है वो कभी भी नही होती।क्योकि ये तो आप भी मानते हो कि परमात्मा हमारे माता पिता हैं तो क्या कोई माता पिता ये चाहेंगे कि उनके बच्चे दुखी हो।या ये चाहेंगे कि उनका कोई बच्चा तो दुखी रहे और कोई सुखी रहे।इस दुनिया में आज जो कुछ भी हो रहा है उसके जिम्मेवार हम स्वयं है।हमारे द्वारा ही किये हुए अच्छे और बुरे कर्म हैं।और उन्ही कर्मो का अच्छा और बुरा फल हमे सुख और दुःख के रूप में भोगना पड़ रहा है । हमारे साथ घटने वाली हर एक घटना हमारे ही पास्ट के कर्म सम्बन्धो पर आधारित होती है।कर्मो की गति बहुत ही गुह्य है।भगवान कहते हैं कि अगर हमारे मन में किसी के प्रति कोई गलत संकल्प भी आता है तो वो भी हमारा पाप का खाता बना देता है।ये बात भी बिलकुल सच है कि आज अगर हम दुखी है और दूसरा सुखी है तो अपने ही पास्ट कर्मो के कारण।एक बच्चा इस दुनिया में जन्म लेते ही कई बीमारियो से पीड़ित है जबकि उसने तो अभी आ कर कोई कर्म किया ही नही।तो इसका मतलब साफ है कि जरूर ये उसके पिछले जन्मों का कोई कर्म भोग है।कई बार हमारे मन में ये प्रश्न उठता है कि आज जो लोग गलत कर्म कर रहे हैं वो बहुत सुखी हैं लेकिन आज अगर वो सुखी हैं तो ये उनके ही पास्ट के किसी पूण्य कर्म का फल है दूसरी और वो व्यक्ति जो आज बहुत अच्छे कर्म कर रहें हैं लेकिन दुखी है तो उनके दुःख का कारण भी उनके द्वारा ही किया हुआ कोई पास्ट का कर्म है। एक बात और clear करना चाहती हूँ कोई भगवान को माने या ना माने इस बात से उसके जीवन में घटित होने वाली घटना टलेगी नही क्योकि हमारे सुख दुःख हमारे द्वारा किये हुए कर्मो पर आधारित हैं ।जो हमने बोया है उसका फल हमे ही काटना है

दूसरे आपको बताना चाहती हूँ गॉड को याद करने से क्या फायदा है ....

भगवान की याद से हम अपने कर्म भोग आसानी से चुक्तू कर लेते है और दूसरी बात भगवान की मत पर जब हम चलते हैं तो पाप कर्मो और आगे आने वाले उनके दुःख के परिणाम से बच जाते हैं ।बाकि भगवान को मानने से हमारे द्वारा किये हुए कर्मो के अच्छे या बुरे फल से हम कभी नही बच सकते। परमात्मा का धयान हमे इसलिए करना है ताकि अब कोई बुरे कर्म न हो और कर्म भी तो तभी अच्छे होंगे जब हमे ये ज्ञान होगा कि कौन से कर्म अच्छे हैं और कौन से नहीं और वो ज्ञान सिवाय परमात्मा के और कोई नहीं दे सकता अगर दे सकता तो आज सब इतने दुखी क्यों होते जबकि भारत में तो लोग इतने कर्म कांड, भक्ति सब करते हैं | किसी को मारना, चोरी करना हम तो केवल इन्हें ही बुरे कर्म समझते आये लेकिन परमात्मा ने आ कर बताया कि किसी के प्रति गलत संकल्प चलना भी बुरा कर्म है जो हमारे दुःख का कारण बनता है | इसके अलावा आत्मा ने अब तक जो भी बुरे कर्म किये हैं वो परमात्मा की याद से ही नष्ट होंगे और जब हम परमात्मा की याद में रहेंगे परमात्मा के साथ योग(meditate) लगायेगे तो योग का बल जैसे जैसे आत्मा में जमा होने लगेगा आत्मा शक्तिशाली बनती जायेगी और किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होगी.

यहाँ परमात्मा या भगवान् से अर्थ उस निराकार ज्योतिर्स्वरूप सभी आत्माओ का पिता परमात्मा है। न की ईसा कृष्ण राम बौद्ध। यहाँ भक्ति की बात नहीं हुई ज्ञान की बात हुई है। क्योकि भक्ति तो हम करते ही आये है किन्तु संसार में दुःख कम न होकर और ही बढ़ गया है।
इसलिए स्वयं को आत्मा समझ उस परमपिता शिव को याद चलते फिरते भी याद करने से पाप कर्म भस्म हो जायँगे और पुण्य कर्मो का खाता शुरू।




सुविचार - २२


      لكن 
تذكر  ان  ما تصنعه  الْيوم  لنفسك  ستكسبه في  الغد  سالبا  او  موجبا 
لكن  تذكر  أيضا  ان  الحياة  عبر  
قال تعالى 
فَاعْتَبِرُوا يَا أُولِي الْأَبْصَارِ
وايضاً قال 
فَاتَّقُوا اللَّهَ يَا أُولِي الْأَلْبَابِ الَّذِينَ آمَنُوا

A rich man looked through his window and saw a poor man picking something from his dustbin ... He said, Thank GOD I'm not poor;

*نظر أحد الأغنياء من خلال نافِذتِه فرأى فقيراً يلتقط شيئاً ما من سلَّة القُمامَة فَحَمَد الله وشَكَرَهُ أنه ليس فقيراً*؛
 
The poor man looked around and saw a naked man misbehaving on the street ... He said, Thank GOD I'm not mad;

*نظر الرجل المسكين حوله وشاهد رجُلاً عارياً يُسِيء السلوك في الشارع وقال الحَمْدُ لله أني لسْتُ بِمَجْنُون*؛

The mad man looked ahead and saw an ambulance carrying a patient ... He said, Thank GOD am not sick;

*نظر الرجل المجنون إلى الأمام ورأى سيارة إسعاف تَقِلُ مَرِيضًا وقال الحمد لله أَنِي لسْتُ مَرِيضًا*؛

Then a sick person in hospital saw a trolley taking a dead body to the mortuary ... He said, Thank GOD I'm not dead;

*ومِن ثُم رأى مَرِيضٌ في المُستشْفَى عربةً تَنْقِل جثةً إلى المشرحة فَحَمَد الله وشَكَرَهُ أنه لا يزال حيٌ يُرْزَق*؛

Only a dead person cannot thank God;

*المَوتَى هُمْ وَحْدَهُم الذين لا يَستطِيعوُن الكلام وشُكْر الله*؛

Why don't you thank GOD today for all your blessings and for the gift of life ... for another beautiful day;

*فبما أنك لازلت حياً تُرْزَق فلماذا لا تبادر بِشُكْر المَوْلَى عَزَّ وجَلْ على مَنِّهِ وكَرَمهِ وفَضْلِهِ وعلى هبة الحياة ومَنْحِك يوم آخَر جَمِيل*؛

*What is LIFE*?
To understand life better, you have to go to 3 locations:

*ماهي الحياة؟*
*لكي تفهم معنى الحياة،   بصورةٍ أفضل، عليك بالتوجه إلى ٣ أماكن:*

*1. Hospital*
*2. Prison*
*3. Cemetery*

*١. المستشفى*
*٢. السجن*
*٣. المقبرة

At the Hospital, you will understand that nothing is more beautiful than HEALTH.

*في المستشفى سَتُدْرِك أن  لا شيئ يضاهي نِعْمَة الصِحَة والعافِيَة*

In the Prison, you'll see that FREEDOM is the most precious thing

*وفي السجن سَتَعْلَم  أن الحرية لا تُقَدَر بِثَمَن*

At the Cemetery, you will realize that life is worth nothing. The ground that we walk today will be our roof tomorrow.

*في المَقبَرَة، سَتُدْرِك أن الحياة لا تُساوِي شيئاً وأن الأرض التي نمْشِى عليها اليوم وستكون السقف الذِي نلتَحِف به غدا*؛ 

Sad Truth* :  We all come with *Nothing* and we will go with *Nothing* ... Let us, therefore, remain humble and be thankful & grateful to God at all times for everything.




सुविचार -२१


✍ अच्छा स्वभाव वह खूबी है जो सदा के लिए सभी का प्रिय बना देता है। कितना भी किसी से दूर हो पर अच्छे स्वभाव के कारण आप किसी न किसी पल यादों में आ ही जाते हो। इसलिए स्वभाव भी इंसान की अपनी कमाई हुयी सबसे बड़ी दौलत है।




सुविचार - २०

* माली *प्रतिदिन* पौधों में पानी देता हॆ।
  मगर फल🍐सिर्फ *मौसम* में ही आता हॆ। इसीलिये जीवन में *धॆर्य* रखें , प्रत्येक चीज अपने *समय* पर  होगी प्रतिदिन *बेहतर* काम करें, समय पर फल जरुर मिलेगा

* नेक लोगों की संगत से, हमेशा भलाई ही मिलती हे,
  क्योंकि....हवा जब फूलो से गुज़रती हे, तो वो भी खुश्बुदार हो जाती हे.
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सुविचार - १९

*🍃"सफलता" की पोशाक कभी तैयार नहीं मिलती इसे बनाने के लिए "मेहनत" का हुनर चाहिए.!

✍🏻"अच्छे" और "सच्चे" रिश्ते न तो "खरीदे" जा सकते हैं, न ही "उधार" लिऐ जा सकते हैं इसलिए उन लोगों को जरूर "महत्व" दें जो "आपको" महत्व देते हैं..

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ना घुमने के लिये कार चाहिए , ना गले के लिए हार चाहिए ,

भगवद् गीता मे श्री कृष्णा ने बहुत बड़ी बात कही है " !!!

             जीवन के उद्धार के लिए केवल मित्र , प्रेम और परिवार चाहिए....




सुविचार - १७

✍.   गलत दिशा में बढ रही भीड़ का हिस्सा बनने से बेहतर है सही दिशा में ~ अकेले चले।

✍. लाख जमाने भर की डिग्रीयाँ हो हमारे पास, अपनों की आँखों से छलकते आँसू नहीं पढ़ पाये तो, अनपढ़ है हम




सुविचार - १६

* प्रार्थना शब्दो से नहीँ दिल से होनी चाहिये क्योंकि, ईश्वर उनकी भी सुनते है , जो बोल नहीँ पाते।

* पत्थर में भगवान है,यह समझाने में धर्म सफल रहा, पर इंसान में इंसान है,यह समझाने में, धर्म आज भी असफल है...!!




Yaadein Tumhari Baba - Lyrics

Yaadein Tumhari Baba , deti sukoon dil ko
Sheetal si lehar aati, paas aate ek pal ko
Yaadein Tumhari Baba......

1. Tapte pathik ko jaise, mil jaye taru ki chhaya
Yaadon mein aise saagar , hai shanti ka samaya
Gehre anubhavon ke ratno ko humne paaya
Yaadein Tumhari Baba......

2. Uljhan hai na tadpan, tanhayi na judayi
Is chir milan mein sab , sukh shanti hai samayi
Avinashi hai kamayi, jo tumse humne paayi
Yaadein Tumhari Baba......

3. Kal ki hai na to chinta, na kaal ki fikar hai
Har haal mein bhala jab humpar teri nazar hai
Duniya deh ki ab, kisko kaha khabar hai
Yaadein Tumhari Baba......

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यादें तुम्हारी बाबा देती सुकून दिल को
शीतल सी लहराती पास आते एक पल को
यादें तुम्हारी बाबा...

1.  तपते पथिक को जैसे मिल जाए तरुवर की छाया
यादों में ऐसे सागर है शांति का समाया
गहरे अनुभवों के रत्नों को हमने पाया
यादें तुम्हारी बाबा...

2. उलझन है न तड़पन तन्हाई ना जुदाई
इस चीर मिलन में सब सुख शांति है समाई
अविनाशी है कमाई जो तुमसे हमने पाई
यादें तुम्हारी बाबा...

3. कल की है ना तो चिंता ना कल की फिकर है
हर हाल में भला जब हम पर तेरी नजर है
दुनिया देह की अब किसको कहां खबर है
यादें तुम्हारी बाबा...




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