1. *दिल में "बुराई" रखने से बेहतर है, कि "नाराजगी" जाहिर कर दो*
*जहाँ दूसरों को "समझाना" कठिन हो , वहाँ खुद को समझ लेना ही बेहतर है*
*"खुश" रहने का सीधा सा एक ही "मंत्र" है , कि "उम्मीद" अपने आप से रखो , किसी और से नहीं*.
2. *कोई भी आदत या संस्कार बदलता है ,*
*कभी नहीं कहना "यह मुश्किल" है ,*
*मन और बुद्धि इस बात को सत्य मानकर स्वीकार करते हैं ,*
*और उसे सिद्ध करते हैं !*
*सोच बदले --- मैंने कोई आदतें बदले हैं ,*
*यह आदत भी ज़रूर बदलेगी,*
*आदत बदले ना सबसे आसान है ,*
*मन स्वीकार करेगा और सिद्ध करेगा !!!
3. *उन व्यक्तियों के जीवन में आनंद और शांति कई गुना बढ़ जाती है ,*
*जिसने प्रशंसा और निंदा दोनों में एक जैसा रहना सीख लिया है,*
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