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आत्मा का प्रतिबिंब - Written Class of Sis Shivani

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👑👑 *बी के शिवानी बहन जी* 👑👑

🍁 हमने आज तक समझा कि मैं कौन हुँ, तो हमें यह शरीर दिखाई देता हैं। ज्ञान से समझ आया कि मैं एक आत्मा हुँ जो इस शरीर में रहती हुँ...!

🍁 हम ये भूल ही गए कि मै एक आत्मा हुँ। हमारे जीवन का उद्देश्य सिर्फ धन, मान, शान, नाम कमाना ही रह गया हैं बस और हम अपने बच्चों को भी यही सब देना चाहते हैं इन सब में हम आत्मा का लालन -पालन भूल ही गए...!

🍁 आज हम छोटी-छोटी बातों पर मुरझा रहे हैं। परमात्मा हमें कहते है हमें छुई -मुई नहीं बनना है। जिसे छूने से वो मुरझा जाएं हमें सारा दिन एक खिले हुए गुलाब कि तरह रहना है...!

🍁 फूल का Use अलग-अलग मौको पर किया जाता हैं दुःख में और सुख में भी पर वो हमेशा रहता कैसा हैं। खिला हुआ ही ना हमें भी हमेशा ऐसा ही रहना है...!     

🍁 ये आत्मा सारा दिन मे कितना कुछ करती हैं इस शरीर को चलाने वाली ये आत्मा ही है क़भी सोचा इस आत्मा के पालन-पोषण के लिए हम इसे क्या देते हैं? जैसे ही मैं आत्मा निकल गयी तो शरीर कुछ नहीं कर सकता...! *(The Energy Has Left)...*

🍁 आज हम सिर्फ Problems कि बात करते हैं Solutions कि नहीं इसका हल क्या है आत्मा कि परवरिश...! 

🍁 अगर पौधा मुरझा जाता हैं तो उसे अगर पानी दे दिया जाए तो वो फिर से खिल जाता हैं। इसी तरह आत्मा के लालन-पालन से आत्मा भी खिल जाती है...!

🍁 आज से हम एक Final संकल्प करते हैं। मैं अपने आप को अच्छी खुराक देने वाली हुँ आत्मा कि (Nurturing) परवरिश करके...!

🍁 हमें अपनी Originality में स्थित रहना है...!

              🍁  *ओम् शान्ति*  🍁

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