Is chhaya mein baba humne, behad ka sukh paya hai, behad ka sukh paya hai
1. Maang rahe the, Dar dar bhatke, Milta kahi tha pyar nahi
Bin maange humein sab kuchh dete, Mangne ki darkaar nahin
Sab kuchh tera ab to mera, Hum par tera saaya hai
Is Chhaya mein...
2. Jiske simran se bhakton ke, bhagya dwar khul jaate hain
Ek jhalak ke darashan se hi manchahe fal pate hain
Pas mein laake, humein bitha ke , nainan aan samaya hai
Is chhaya mein...
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याद तुम्हारी, इतनी प्यारी, शीतल सी छत्रछाया है
इस छाया में बाबा हमने बेहद का सुख पाया है, बेहद का सुख पाया है
1. मांग रहे थे, दर दर भटके, मिलता कहीं था प्यार नहीं
बिन मांगे हमें सब कुछ देते, मांगने की दरकार नहीं
सब कुछ तेरा, अब तो मेरा, हम पर तेरा साया है
इस छाया में....
2. जिसके सिमरन से भक्तों के भाग्यद्वार खुल जाते हैं
एक झलक के दर्शन से ही, मैन चाहे फल पाते हैं
पास में लाके, हमे बिठा के, नैनन आन समाया है
इस छाया में.....
इस छाया में बाबा हमने बेहद का सुख पाया है, बेहद का सुख पाया है
1. मांग रहे थे, दर दर भटके, मिलता कहीं था प्यार नहीं
बिन मांगे हमें सब कुछ देते, मांगने की दरकार नहीं
सब कुछ तेरा, अब तो मेरा, हम पर तेरा साया है
इस छाया में....
2. जिसके सिमरन से भक्तों के भाग्यद्वार खुल जाते हैं
एक झलक के दर्शन से ही, मैन चाहे फल पाते हैं
पास में लाके, हमे बिठा के, नैनन आन समाया है
इस छाया में.....
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